शाम के धुंधलके में, जब सूरज पहाड़ों के पीछे छिप रहा था, नीलेश अपनी डायरी में कुछ लिख रहा था। यह उसकी आदत थी, हर दिन अपनी भावनाओं को शब्दों में उतारना। लेकिन आज उसकी अधूरी मोहब्बत की कहानी उसके शब्दों में छलक रही थी। आँसू पन्नों पर गिर रहे थे, और हर शब्द दर्द से भरा हुआ था।
पहली मुलाकात और प्यार की शुरुआत
नीलेश और सिया की मुलाकात कॉलेज के पहले दिन हुई थी। सिया अपनी मासूम मुस्कान और चंचल स्वभाव से सबका ध्यान खींच लेती थी। नीलेश हमेशा से शांत और गंभीर था। लेकिन उनकी दोस्ती गहराती गई, और धीरे-धीरे वह दोस्ती सच्चे प्यार की कहानी में बदल गई।
सिया की हंसी, नीलेश के लिए संगीत बन गई थी। वह उसे हर पल खुश देखना चाहता था। एक दिन, नीलेश ने हिम्मत जुटाकर कहा, “सिया, मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ।”
सिया ने उसकी बात सुनी, और थोड़ी देर चुप रहने के बाद बोली, “नीलेश, मैं भी तुमसे प्यार करती हूँ। लेकिन मेरी जिंदगी में एक ऐसी सच्चाई है, जिसे जानकर तुम्हारा दिल टूट सकता है।”
छुपा हुआ सच और दर्दभरी प्रेम कहानी
सिया ने बताया कि वह एक गंभीर बीमारी से जूझ रही है। डॉक्टरों ने कहा था कि उसके पास ज्यादा समय नहीं है। यह सुनकर नीलेश की दुनिया जैसे थम गई। लेकिन उसने सिया का हाथ थामकर कहा, “चाहे वक्त कम हो, मैं तुम्हारे साथ हर पल जीना चाहता हूँ। यह अधूरी प्रेम कहानी भी मेरे लिए पूरी होगी।”
दोनों ने हर लम्हे को जीने का फैसला किया। उन्होंने साथ में सपने देखे, वो सब किया जो एक आम जोड़ा करता है। लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता गया, सिया की तबीयत बिगड़ती गई।
सच्चा प्यार जो अधूरा रह गया
अस्पताल के बिस्तर पर सिया ने नीलेश से कहा, “अगर मैं चली जाऊं, तो मुझे भूल मत जाना। मेरी हर बात तुम्हारे साथ हमेशा रहेगी।”
एक दिन, सिया ने हमेशा के लिए आँखें बंद कर लीं। नीलेश की दुनिया जैसे रुक गई। उसकी डायरी के आखिरी पन्ने पर लिखा था:
“सिया, तुम तो चली गईं, लेकिन तुम्हारी मुस्कान और हमारी दर्दभरी प्रेम कहानी हमेशा मेरे साथ है। कभी-कभी, अधूरी मोहब्बत भी जिंदगी भर जीने की वजह बन जाती है।”
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