एक डरावनी पुरानी हवेली की अनजानी खौफनाक कहानी, जो आपके रोंगटे खड़े कर दे!"

पुरानी हवेली की कहानी जो आज भी रहस्य और खौफ से भरी हुई है। जानिए उस खौफनाक रात का सच, जिसने गांव के बलवीर को हमेशा के लिए गायब कर दिया।
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क्या आप डर से भरी एक ऐसी रात का सामना कर सकते हैं, जो आपकी पूरी जिंदगी बदल दे?

गांव के किनारे खड़ी पुरानी हवेली, जिसे लोग "भूतों वाली हवेली" कहते थे, आज भी एक रहस्य है। लोग कहते हैं कि जो भी उस हवेली में गया, वो फिर कभी वापस नहीं लौटा।

बुजुर्ग बताते थे कि वहां से आधी रात को किसी के चीखने-चिल्लाने और रोने की आवाजें आती थीं। कई लोगों ने वहां अजीब परछाई देखने का दावा भी किया था। 

पुरानी हवेली की कहानी

बलवीर की जिद्द

गांव का बलवीर नाम का युवक इन कहानियों पर यकीन नहीं करता था। उसने गांव वालों से कहा,"यह सब सिर्फ अफवाहें हैं। मैं खुद जाकर देखूंगा कि आखिर सच क्या है।"गांव वालों ने उसे रोकने की बहुत कोशिश की, लेकिन बलवीर ने किसी की नहीं सुनी।

भूतिया हवेली में पहला कदम

रात के समय, बलवीर ने अपनी टॉर्च और अपने कुत्ते शेरू के साथ हवेली में कदम रखा। हवेली का मुख्य दरवाजा अपने आप चरमराते हुए खुला। बलवीर के चेहरे पर एक ठंडी हवा का झोंका लगा, जैसे किसी ने उसके स्वागत में सांस ली हो।

कमरे में हर जगह धूल और जाले थे। छत से झूलता हुआ एक पुराना झूमर हल्के-हल्के हिल रहा था। बलवीर ने कदम बढ़ाए, तो उसकी टॉर्च की रोशनी दीवार पर लगी एक पुरानी पेंटिंग पर पड़ी। उसमें एक महिला की तस्वीर थी, जिसकी आंखें बलवीर को घूर रही थीं।

अजीब घटनाएं शुरू होती हैं

जैसे ही बलवीर ऊपर की मंजिल पर चढ़ने लगा, उसे अपने पीछे किसी के कदमों की आहट सुनाई दी। उसने पीछे मुड़कर देखा, लेकिन वहां कोई नहीं था।

तभी, ऊपर से एक झूले के हिलने की आवाज आई। बलवीर ने देखा, झूला खुद-ब-खुद हिल रहा था। उसे रोकने के लिए जैसे ही बलवीर पास गया, एक कर्कश आवाज गूंजी:

"तुम्हें यहां नहीं आना चाहिए था!"

बलवीर के रोंगटे खड़े हो गए। शेरू भी जोर-जोर से भौंकने लगा। तभी एक परछाई सीढ़ियों से उतरते हुए बलवीर की ओर बढ़ने लगी।

भागने की कोशिश

बलवीर ने डर के मारे नीचे भागने की कोशिश की। लेकिन दरवाजा अपने आप बंद हो चुका था। बलवीर ने दरवाजा खोलने की कोशिश की, तभी उसके कानों में एक बच्चे की आवाज आई:

"तुम अब यहां से बचकर नहीं जा सकते."

अचानक, हवेली की दीवारों से चीखने-चिल्लाने की आवाजें गूंजने लगीं। बलवीर ने अपनी पूरी ताकत से दरवाजा खोला और भाग निकला।

बलवीर का रहस्यमयी अंत

अगले दिन, बलवीर का कुत्ता शेरू गांव में अकेला लौटा। बलवीर का कोई पता नहीं चला। गांव वाले अब भी कहते हैं कि उस रात हवेली से दर्दनाक चीखें सुनाई दी थीं।

हवेली और बलवीर का रहस्य आज भी अधूरा है।

क्या आप इस हवेली का सामना कर सकते हैं? आपके विचार क्या हैं? क्या ऐसी कहानियां सच हो सकती हैं? नीचे कमेंट में बताएं। डरावनी कहानियां पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट को सब्सक्राइब करें।

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